DA Arrears: केंद्र सरकार ने 18 महीने के बकाया महंगाई भत्ता (DA) एरियर्स के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि वह फिलहाल इन एरियर्स का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। यह खबर लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़े झटके के रूप में सामने आई है, जो लंबे समय से इस बकाया राशि का इंतजार कर रहे थे। कोरोना महामारी के दौरान जनवरी 2020 से जून 2021 तक 18 महीने के लिए सरकार ने DA/DR की तीन किस्तों को रोक दिया था, जिसका भुगतान अब होने की संभावना कम दिख रही है।
कोरोनाकाल में DA/DR पर लगी थी रोक
कोविड-19 महामारी के शुरुआती दौर में, भारत सरकार ने आर्थिक स्थिति को देखते हुए कई कठोर निर्णय लिए थे। इन्हीं में से एक था केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) पर रोक लगाना। जनवरी 2020 से जून 2021 तक के 18 महीने में DA और DR की तीन किस्तें रोक दी गई थीं। उस समय सरकार ने आर्थिक संकट का हवाला देते हुए यह कदम उठाया था। इस दौरान कर्मचारियों के 11 प्रतिशत DA का भुगतान रोककर केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपये बचाए थे।
कर्मचारी संगठनों द्वारा लगातार की जा रही मांग
केंद्रीय कर्मचारियों के विभिन्न संगठन लगातार इन रोके गए एरियर्स के भुगतान की मांग कर रहे हैं। ‘नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन’ के वरिष्ठ सदस्य एवं अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ के महासचिव सी. श्रीकुमार के अनुसार, कोरोनाकाल में रोके गए 18 महीने के DA/DR के भुगतान की लड़ाई लगातार जारी है। कैबिनेट सचिव को ‘स्टाफ साइड’ की राष्ट्रीय परिषद द्वारा 18 माह के DA एरियर्स के भुगतान के लिए पहले ही पत्र लिखा जा चुका है। इसके अलावा वित्त मंत्रालय को भी इस संबंध में प्रतिवेदन दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला
कर्मचारी संगठनों ने अपनी मांग के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का भी हवाला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि ऐसे मामलों में कर्मचारियों को छह प्रतिशत ब्याज के साथ बकाया एरियर्स का भुगतान करना होता है। कर्मचारी संगठनों का तर्क है कि इस फैसले के आधार पर भी सरकार को बकाया राशि का भुगतान करना चाहिए। लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है, जिससे कर्मचारियों में निराशा है।
34,402 करोड़ रुपये का है बकाया एरियर्स
केंद्रीय कर्मचारियों के सभी संगठन बकाया एरियर्स के रूप में 34,402 करोड़ रुपये का भुगतान करने का अनुरोध कर चुके हैं। यह एक बड़ी राशि है, जिसका भुगतान करने से पहले सरकार को अपनी वित्तीय स्थिति पर गंभीरता से विचार करना होगा। कर्मचारी संगठनों के प्रमुखों ने 18 महीने के एरियर्स को जारी करने के लिए सरकार को कई विकल्प सुझाए हैं, जिनमें एरियर्स का एक साथ भुगतान करना भी शामिल है। लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इन सुझावों पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
सरकार का रुख
वित्त राज्य मंत्री ने संसद में इस मुद्दे पर स्पष्ट किया है कि अभी भी केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा एफआरबीएम (फिस्कल रेस्पॉन्सिबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट) अधिनियम में दर्शाए गए स्तर से दोगुने से ज्यादा चल रहा है। ऐसी स्थिति में बकाया एरियर्स को जारी करना सरकार के लिए संभव नहीं है। सरकार का यह रुख बताता है कि फिलहाल केंद्र सरकार कर्मचारियों के 34 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया DA/DR राशि का भुगतान नहीं करने वाली है।
कर्मचारियों को झटका
सरकार के इस निर्णय से लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ा झटका लगा है। वे लंबे समय से इस बकाया राशि का इंतजार कर रहे थे, और कई लोगों ने अपनी वित्तीय योजनाएं इसी आधार पर बनाई थीं। सी. श्रीकुमार जैसे कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकार के मन में खोट आ चुका है। उनका आरोप है कि केंद्र ने 2020 के प्रारंभ में कोविड-19 की आड़ लेकर सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के DA/DR पर रोक लगा दी थी, और अब उस राशि का भुगतान नहीं करना चाहती।
आर्थिक स्थिति का हवाला
सरकार लगातार आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने का हवाला दे रही है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, देश अभी भी आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है और राजकोषीय घाटा नियंत्रण से बाहर है। ऐसी स्थिति में 34,402 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि का भुगतान करना सरकार के लिए मुश्किल है। हालांकि, कर्मचारी संगठनों का तर्क है कि अर्थव्यवस्था अब पटरी पर आ चुकी है और सरकार को अपने वादे पूरे करने चाहिए।
भविष्य में बकाया राशि मिलने की संभावना
अभी तक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को कोई ऐसा संकेत नजर नहीं आ रहा है, जिससे लगे कि सरकार बकाया एरियर्स राशि को लौटाने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्रालय के रुख से साफ है कि निकट भविष्य में इस राशि के भुगतान की संभावना कम है। हालांकि, कर्मचारी संगठन अपनी मांग को लेकर दृढ़ हैं और वे विभिन्न स्तरों पर इस मुद्दे को उठाते रहेंगे। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अगर भविष्य में आर्थिक स्थिति में सुधार होता है, तो सरकार इस मुद्दे पर पुनर्विचार कर सकती है।
केंद्रीय कर्मचारियों के 18 महीने के बकाया DA एरियर्स के मुद्दे पर सरकार का रुख फिलहाल नकारात्मक है। सरकार आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए इस बकाया राशि का भुगतान नहीं करना चाहती। कर्मचारी संगठनों के विरोध और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले के बावजूद, सरकार ने 34,402 करोड़ रुपये की इस राशि का भुगतान करने से इनकार कर दिया है। इससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ा झटका लगा है, जो लंबे समय से इस राशि का इंतजार कर रहे थे।
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