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बड़ा अपडेट, केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में मर्ज होगा महंगाई भत्ता, 3.0 होगा फिटमेंट फैक्टर DA Merger

DA Merger: सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग का गठन हमेशा से एक बड़ी खबर रही है। मोदी सरकार ने जनवरी 2024 में घोषणा की कि सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त होने के बाद आठवां वेतन आयोग गठित किया जाएगा। इस खबर से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच उत्साह बढ़ गया है। हर कोई जानना चाहता है कि अगले वेतन आयोग के अंतर्गत उनकी सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी और क्या DA को बेसिक वेतन में मर्ज किया जाएगा।

वेतन आयोग का महत्व

वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों का पुनरीक्षण करने वाला एक महत्वपूर्ण निकाय है। यह हर दस साल के अंतराल पर गठित किया जाता है ताकि कर्मचारियों के वेतन ढांचे को महंगाई और आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार संशोधित किया जा सके। सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था और अब आठवें वेतन आयोग की घोषणा ने कर्मचारियों में नई उम्मीदें जगा दी हैं।

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DA मर्जर क्या है?

DA यानी महंगाई भत्ता, कर्मचारियों को महंगाई से राहत देने के लिए दिया जाता है। जब एक नया वेतन आयोग लागू होता है, तो अक्सर वर्तमान DA को मूल वेतन में मिला दिया जाता है। इसे ही DA मर्जर कहते हैं। यह प्रक्रिया इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे कर्मचारियों की मूल सैलरी बढ़ जाती है, जिसका सीधा प्रभाव उनके अन्य भत्तों और सेवानिवृत्ति लाभों पर भी पड़ता है।

फिटमेंट फैक्टर की समझ

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फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा गुणक है जिसके द्वारा पुरानी बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी निर्धारित की जाती है। यह फैक्टर वर्तमान DA और आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखकर तय किया जाता है। इसका उद्देश्य सभी कर्मचारियों को समान और न्यायसंगत वेतन वृद्धि प्रदान करना है। आमतौर पर, पहले DA को बेसिक वेतन में मिलाया जाता है और फिर इस योग पर फिटमेंट फैक्टर लागू करके नई सैलरी तय की जाती है।

पिछले वेतन आयोगों में फिटमेंट फैक्टर

पिछले वेतन आयोगों की बात करें तो एक स्पष्ट पैटर्न देखने को मिलता है। पांचवें वेतन आयोग (1996) के समय DA लगभग 74 प्रतिशत था और फिटमेंट फैक्टर 1.86 रखा गया था। छठे वेतन आयोग (2006) में DA करीब 115 प्रतिशत था और फिटमेंट बेनिफिट 1.86 गुना रखा गया, जिसमें ग्रेड पे का कॉन्सेप्ट भी शामिल किया गया था। सातवें वेतन आयोग (2016) में DA 125 प्रतिशत था और फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित किया गया था।

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सातवें वेतन आयोग का उदाहरण

सातवें वेतन आयोग के समय फिटमेंट फैक्टर कैसे लागू किया गया, इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए एक कर्मचारी की बेसिक सैलरी 10,000 रुपये थी। उस समय DA 125 प्रतिशत था, यानी 12,500 रुपये। इन दोनों को जोड़ने पर कुल राशि 22,500 रुपये बनती है। इस पर 14.22 प्रतिशत की वास्तविक वृद्धि जोड़कर नई सैलरी 25,700 रुपये निर्धारित की गई। इस प्रकार फिटमेंट फैक्टर 25,700 / 10,000 = 2.57 आया।

आठवें वेतन आयोग से उम्मीदें

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आठवें वेतन आयोग से कर्मचारियों की उम्मीदें बहुत अधिक हैं। कर्मचारी संगठन फिटमेंट फैक्टर 3.0 या उससे अधिक रखने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि महंगाई और जीवन यापन की बढ़ती लागत को देखते हुए, उच्च फिटमेंट फैक्टर जरूरी है ताकि कर्मचारियों को वास्तविक आर्थिक लाभ मिल सके। यदि सरकार इस मांग को स्वीकार करती है, तो कर्मचारियों के वेतन में महत्वपूर्ण वृद्धि देखने को मिल सकती है।

वर्तमान DA स्थिति और भविष्य के अनुमान

वर्तमान में, DA में मामूली वृद्धि की उम्मीद है। जुलाई-दिसंबर 2025 तक महंगाई दर में स्थिरता के कारण, DA में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी की संभावना नहीं है। हालांकि, यदि आठवें वेतन आयोग के तहत DA को बेसिक वेतन में मर्ज कर दिया जाता है और उचित फिटमेंट फैक्टर लागू किया जाता है, तो कर्मचारियों के वेतन में काफी सकारात्मक बदलाव आ सकता है।

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सरकारी कर्मचारियों की आशाएं

सरकारी कर्मचारी आशा कर रहे हैं कि सरकार उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरेगी। उनका मानना है कि उच्च फिटमेंट फैक्टर और DA मर्जर से उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। महंगाई की मार झेल रहे कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि एक बड़ी राहत होगी। साथ ही, उच्च बेसिक वेतन का लाभ उनके भविष्य के पेंशन लाभों पर भी पड़ेगा।

आठवें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया

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अभी तक सरकार ने आठवें वेतन आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के नामों की घोषणा नहीं की है। आमतौर पर, वेतन आयोग में एक अध्यक्ष और कई सदस्य होते हैं, जिनमें वित्त, प्रशासन और कर्मचारी कल्याण के क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल होते हैं। वेतन आयोग के गठन के बाद, यह कर्मचारियों के वेतन ढांचे का विस्तृत अध्ययन करता है और अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपता है।

आठवां वेतन आयोग करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है। DA मर्जर और उचित फिटमेंट फैक्टर के माध्यम से, यह उनके वेतन में महत्वपूर्ण वृद्धि ला सकता है। हालांकि, अभी इसके गठन और सिफारिशों के लिए कुछ समय प्रतीक्षा करनी होगी। कर्मचारियों को उम्मीद है कि नया वेतन आयोग उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगा और उन्हें वर्तमान महंगाई से राहत मिलेगी। आने वाले समय में सरकार द्वारा इस संबंध में और अधिक घोषणाएं की जा सकती हैं, जिससे स्थिति अधिक स्पष्ट होगी।

याद रखें, यह जानकारी केवल सामान्य मार्गदर्शन के लिए है और इसका उद्देश्य किसी भी प्रकार की वित्तीय या कानूनी सलाह प्रदान करना नहीं है। वेतन आयोग की आधिकारिक घोषणाओं और निर्णयों के लिए सरकारी सूचनाओं का अनुसरण करें।

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