8th pay commission salary hike: केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी देने के बाद से ही लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख से अधिक पेंशनर्स इसके लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हाल ही में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, सरकार कर्मचारियों की सैलरी में जल्द ही 14 से 19 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी करने की योजना बना रही है। यह खबर सभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है, क्योंकि इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
सैलरी में कितनी होगी वृद्धि
वर्तमान में 7वें वेतन आयोग के अंतर्गत केंद्र सरकार के कर्मचारियों की औसत मासिक सैलरी लगभग 1 लाख रुपये है। नए आंकड़ों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों के वेतन में 14 से 19 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार इस वृद्धि के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये का बजट निर्धारित करती है, तो प्रति कर्मचारी वेतन में औसतन 14,600 रुपये की वृद्धि होगी। इसी प्रकार, अगर बजट 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचता है, तो वेतन वृद्धि 16,700 रुपये तक हो सकती है।
किन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
8वें वेतन आयोग के लागू होने से केंद्र सरकार के सभी 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा। 7वें वेतन आयोग के दौरान सरकार ने कर्मचारियों के वेतन वृद्धि और बकाया राशि के भुगतान के लिए लगभग 1.02 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे। लेकिन इस बार अनुमान है कि यह खर्च काफी अधिक हो सकता है, जिससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ा फायदा मिलेगा। यह वृद्धि न केवल उनके मासिक वेतन में बल्कि अन्य भत्तों और लाभों में भी परिलक्षित होगी।
फिटमेंट फैक्टर का महत्व
जब भी नया वेतन आयोग लागू होता है, तब फिटमेंट फैक्टर में भी संशोधन किया जाता है। फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा गुणांक है जिससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी निर्धारित की जाती है। 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिसके कारण कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई थी। अगर 8वें वेतन आयोग में भी इसी फिटमेंट फैक्टर को लागू किया जाता है, तो कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन बढ़कर 46,260 रुपये प्रति माह हो सकता है और न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 23,130 रुपये हो सकती है।
विशेषज्ञों की अलग-अलग राय
विभिन्न विशेषज्ञों ने फिटमेंट फैक्टर को लेकर अपनी-अपनी राय दी है। नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी के सचिव का मानना है कि फिटमेंट फैक्टर कम से कम 2.57 या उससे अधिक होना चाहिए। इससे कर्मचारियों को पर्याप्त वेतन वृद्धि मिलेगी। वहीं, पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने कहा है कि 2.86 का फिटमेंट फैक्टर अव्यावहारिक है और यह संभवतः 1.92 के आसपास रह सकता है। इसका मतलब है कि अगर 1.92 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो न्यूनतम वेतन बढ़कर लगभग 34,560 रुपये हो सकता है।
वेतन आयोग की प्रक्रिया और समयसीमा
केंद्र सरकार ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी। हालांकि, अभी तक इसके अध्यक्ष, सदस्यों और कार्यप्रणाली की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार अप्रैल 2025 में 8वें वेतन आयोग का पूर्ण गठन कर सकती है और इसकी सिफारिशें 2026 या 2027 में लागू हो सकती हैं। आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही नई सैलरी स्ट्रक्चर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
बजट का प्रभाव और अनुमानित लाभ
कर्मचारियों को मिलने वाली वेतन वृद्धि का परिमाण सरकार द्वारा आवंटित बजट और आयोग की सिफारिशों पर निर्भर करेगा। यदि सरकार 2.25 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित करती है, तो प्रति कर्मचारी मासिक वेतन में लगभग 18,800 रुपये तक की वृद्धि हो सकती है। यह वृद्धि उनके जीवन स्तर में सुधार लाएगी और उन्हें बढ़ती महंगाई के दौर में आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। साथ ही, इससे अर्थव्यवस्था में भी गतिशीलता आएगी क्योंकि अधिक वेतन से खर्च और बचत दोनों में वृद्धि होगी।
हाल ही में मिला महंगाई भत्ता
हाल ही में सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में वृद्धि का तोहफा दिया है। इस वृद्धि के बाद अब कर्मचारी और पेंशनर्स 8वें वेतन आयोग के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। महंगाई भत्ते में वृद्धि से कर्मचारियों की क्रय शक्ति में सुधार हुआ है, लेकिन वेतन आयोग के लागू होने से उन्हें और अधिक आर्थिक लाभ मिलेगा। यह दोहरा लाभ केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत साबित होगा।
भविष्य की संभावनाएं
8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद, केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना है। इसके अलावा, वेतन वृद्धि के साथ-साथ अन्य सुविधाओं और भत्तों में भी सुधार किए जा सकते हैं। सरकार का उद्देश्य कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार लाना और उन्हें बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इससे सरकारी विभागों की कार्यक्षमता में भी वृद्धि होगी और देश के विकास में योगदान बढ़ेगा।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसमें दी गई जानकारी रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों के अनुमानों पर आधारित है। वास्तविक वेतन वृद्धि और फिटमेंट फैक्टर सरकार द्वारा अंतिम निर्णय लेने के बाद ही निर्धारित होंगे। पाठकों से अनुरोध है कि वे किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले आधिकारिक सूत्रों से पुष्टि करें। सरकारी नीतियां और निर्णय समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए सरकारी वेबसाइट या आधिकारिक सूचनाओं का संदर्भ लें।